Thursday 29 January 2009

हम भले तो जग भला

हम सब लोगोँ को बचपन से ही सब लोग अच्छा बंनने की सलाह दी जाती है, फिर एक दिन हम सब बड़े हो जाते हैं, जिनमे से काफ़ी लोग अच्छे और कुछ बुरे कहे जाते हैं, पर अगर किसी से भी पूछो तो कोई भी अपने को बुरा इंसान मानने को तैयार नही होता, सब कहते हैं ये अच्छा है वो बुरा है, पर शायद ही कोई ये कहता या मानता है की मैं बुरा हूँ, सच में अगर अच्छाई ओर बुराई के फर्क को अगर हम महसूस करें तो हम पायेंगे की हम सब अच्छे ही हैं, तो फिर बुरा कौन है मेरा मनना ये है की जो लोग खुदगर्ज़ होते हैं बस वो ही बुरे हैं, मैं तो कोशिश करता हूँ की लोग करें मेरी आरजू और ज़माना मिसाल दे , आप भी कुछ ऐसा करिए